बीतता हुआ हर इक लम्हा
तुझसे दुरी का एहसास करा रहा है
आने वाला हर पल
तुझसे मिलने की आस लगा रहा है
सोचा ना था ऐसा पल भी आएगा प्यार में
इक इक पल काटेंगे हम तेरे इंतज़ार में
कब खतम होगा जुदाई का आलम
कब आएगी वो घडी जब मिलेंगे हम
प्यार के ख़त की राह देख रहे है
इंतज़ार में हम तेरे ये मौसम गुजार रहे है
यु तो तुझसे बिचड़ के जीना इक सजा है
फिर भी इंतज़ार का अपना अलग मज़ा है!!!